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Computer Aided Software Engineering (CASE) क्या है? – पूरी जानकारी हिंदी में

आज के डिजिटल युग में, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट एक जटिल प्रक्रिया बन चुकी है जिसमें प्लानिंग, डिजाइनिंग, कोडिंग, टेस्टिंग और मेंटेनेंस जैसे कई चरण शामिल होते हैं। इन सभी चरणों को कुशलतापूर्वक मैनेज करने के लिए एक टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाता है जिसे Computer Aided Software Engineering (CASE) कहा जाता है। यह टूल्स और तकनीकों … Read more

Atlassian Test Case Management क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

आज के तेज़ी से विकसित होते सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट वातावरण में टेस्टिंग का एक विशेष स्थान है। जब बात आती है टेस्ट केस मैनेजमेंट की, तो Atlassian Test Case Management एक ऐसा समाधान है जो टीमों को संगठित ढंग से, कुशलता से और सहयोग के साथ सॉफ़्टवेयर की टेस्टिंग में मदद करता है। इस लेख में … Read more

Jira Configuration Management in Hindi – पूरी जानकारी

आज के तेज़ी से बदलते सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के युग में, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और ट्रैकिंग के लिए JIRA एक बहुत ही लोकप्रिय टूल बन चुका है। खासकर जब बात आती है Jira Configuration Management की, तो यह सुनिश्चित करता है कि आपकी टीम सही तरीके से कॉन्फ़िगर की गई सेटिंग्स के साथ काम कर रही है, … Read more

Software Maintenance in Software Engineering in Hindi – सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस क्या है? प्रकार, महत्व और उदाहरण

जब हम कोई सॉफ्टवेयर डेवलप करते हैं, तो हमारा कार्य केवल कोडिंग या डेप्लॉयमेंट तक ही सीमित नहीं होता। एक सॉफ्टवेयर की असली परीक्षा तब शुरू होती है जब वह उपयोग में लाया जाता है। समय के साथ, यूजर्स की आवश्यकताएं बदलती हैं, तकनीक अपग्रेड होती है और बग्स भी सामने आते हैं। इन्हीं सभी … Read more

Re-engineering और Reverse Engineering में अंतर

आज के डिजिटल युग में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और सिस्टम मैनेजमेंट में कई तकनीकी प्रक्रियाएं होती हैं, जिनमें से दो महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं हैं – Re-engineering और Reverse Engineering। इन दोनों का नाम मिलते-जुलते होने के कारण बहुत लोग इन्हें एक जैसा समझ लेते हैं, लेकिन वास्तव में ये दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं। इस लेख … Read more

SDLC और STLC में क्या अंतर है? | SDLC vs STLC in Hindi (2024 Guide)

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दुनिया में जब कोई नया प्रोजेक्ट शुरू होता है, तो उसे बनाने और टेस्ट करने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया अपनाई जाती है। यही प्रक्रिया दो हिस्सों में बाँटी जाती है — SDLC (Software Development Life Cycle) और STLC (Software Testing Life Cycle)। अगर आप Software Testing सीखना चाहते हैं या किसी … Read more

White Box Testing और Black Box Testing में अंतर – पूरी जानकारी हिंदी में

आज के डिजिटल युग में जब हर बिज़नेस, एप्लिकेशन और वेबसाइट टेक्नोलॉजी पर आधारित है, तब Software Testing का महत्व पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गया है। एक छोटा-सा बग भी पूरे सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, सॉफ़्टवेयर को रिलीज़ करने से पहले उसे अच्छी तरह से टेस्ट करना जरूरी होता है। White … Read more

Manual Testing Syllabus for Beginners (2024)

मैन्युअल टेस्टिंग एक प्रकार की सॉफ्टवेयर टेस्टिंग है जिसमें टेस्ट केस को बिना किसी ऑटोमेशन टूल्स के मैन्युअली (हाथ से) चलाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन में बग्स, एरर्स या किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को पहचानना है ताकि एंड-यूज़र को एक बेहतर और त्रुटिरहित अनुभव मिल सके। यहाँ एक Manual Testing Syllabus … Read more

SDLC (Software Development Life Cycle) क्या है? | पूरी जानकारी हिंदी में

आज की दुनिया में हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है – फिर वो मोबाइल ऐप हो, वेबसाइट, या कोई बैंकिंग सिस्टम। लेकिन एक बढ़िया सॉफ़्टवेयर ऐसे ही नहीं बन जाता। इसके पीछे एक पूरा process होता है, जिसे कहते हैं — Software Development Life Cycle (SDLC)। SDLC एक structured तरीका … Read more

Waterfall Model क्या है? | जानिए सॉफ़्टवेयर डेवेलपमेंट के पहले मॉडल के बारे में

Waterfall Model सॉफ़्टवेयर बनाने का एक पुराना और आसान तरीका है। इसका नाम “Waterfall” इसलिए रखा गया क्योंकि इसमें सभी काम एक के बाद एक होते हैं, जैसे पानी जलप्रपात से गिरता है। जब हम SDLC (Software Development Life Cycle) की बात करते हैं, तो Waterfall Model एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सॉफ़्टवेयर बनाने के … Read more