इस्लाम में दो मुख्य त्योहार हैं – ईद उल-फ़ितर और ईद उल-अज़हा। इनमें से ईद उल-फ़ितर रमज़ान के पवित्र महीने के बाद मनाया जाता है। इस दिन विशेष नमाज़ अदा की जाती है जिसे ईद की नमाज़ कहा जाता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ईद उल-फ़ितर की नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है, इसमें कितनी रक़ात होती हैं, और इसे पढ़ने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ईद उल-फ़ितर की नमाज़ का महत्व
ईद उल-फ़ितर का अर्थ है “रोज़ा तोड़ने की खुशी”। यह दिन इस्लामी कैलेंडर के शव्वाल महीने की पहली तारीख को आता है।
🔹 क़ुरआन और हदीस में ईद की अहमियत:
- रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
“अल्लाह ने तुम्हारे लिए दो त्योहार निश्चित किए हैं – ईद उल-फ़ितर और ईद उल-अज़हा।” (अबू दाऊद) - यह नमाज़ इस्लामी भाईचारे, एकता और खुशी को प्रकट करने का तरीका है।
ईद उल-फ़ितर की नमाज़ पढ़ने का तरीका
ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका सामान्य नमाज़ों से थोड़ा अलग होता है। इसमें दो रक़ात (2 Rakat) नमाज़ होती है, लेकिन इसमें तक़बीरें (अल्लाहु अकबर) अधिक होती हैं।
1. ईद की नमाज़ का समय
✅ फज्र और ज़ुहर के बीच (सुबह सूरज निकलने के बाद 15-20 मिनट के भीतर)
✅ बिलाल (रज़ि.) और अन्य सहाबा इसे सूरज निकलने के 30-45 मिनट बाद अदा करते थे।
2. ईद उल-फ़ितर की नमाज़ का तरीका (Step-by-Step Guide)
🔹 रक़ात: 2 (दो)
🔹 तक़बीर: 6 (या 12, अलग-अलग मतों के अनुसार)
पहली रक़ात (First Rakat)
1️⃣ नीयत करें:
“मैं नीयत करता हूँ ईद उल-फ़ितर की दो रक़ात वाजिब नमाज़, छह तक़बीरों के साथ, अल्लाह के लिए, पीछे इस इमाम के।”
2️⃣ तक़बीर-ए-तहरीमा:
- हाथ उठाकर “अल्लाहु अकबर” कहें और सीने पर बाँध लें।
- इमाम सना (सुब्हानाकल्लाहुम्मा…) पढ़ेगा, आप भी ध्यान से सुनें।
3️⃣ अतिरिक्त तक़बीरें:
- इमाम तीन बार अल्लाहु अकबर कहेगा।
- हर तक़बीर पर हाथ उठाकर छोड़ दें और तीसरी तक़बीर पर हाथ बाँध लें।
4️⃣ क़िरात (सूरह फ़ातिहा + सूरह अत्तीन या कोई भी सूरह)
- इमाम सूरह फ़ातिहा और दूसरी कोई सूरह पढ़ेगा।
5️⃣ रुकू और सजदा करें
- सामान्य नमाज़ की तरह रुकू, सजदा और फिर खड़े हो जाएँ (दूसरी रक़ात के लिए)।
दूसरी रक़ात (Second Rakat)
6️⃣ सूरह फ़ातिहा + सूरह क़िरात:
- इमाम सूरह फ़ातिहा और दूसरी कोई सूरह पढ़ेगा।
7️⃣ तीन तक़बीरें:
- इमाम तीन बार अल्लाहु अकबर कहेगा।
- हर तक़बीर पर हाथ उठाकर छोड़ दें।
8️⃣ रुकू और सजदा करें
- फिर सामान्य नमाज़ की तरह रुकू और सजदा करें।
9️⃣ तशह्हुद, दुरूद और दुआ पढ़ें
- अंत में अत्तहियात, दुरूद शरीफ़ और दुआ पढ़ें।
🔟 सलाम फेरें:
- इमाम “अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह” कहकर नमाज़ पूरी करेगा।
3. ईद की नमाज़ के बाद खुत्बा (ख़ुतबा सुनना वाजिब है)
- ईद की नमाज़ के बाद इमाम खुत्बा (भाषण) देगा, जिसे सुनना वाजिब (अनिवार्य) है।
- खुत्बे में शुक्रगुज़ारी, ज़कात-उल-फ़ित्र का महत्व, और इस्लामी शिक्षाओं की बातें की जाती हैं।
4. ईद उल-फ़ितर की नमाज़ में विशेष बातें
✅ तक़बीर ज़्यादा होती है (6 या 12 बार, अलग-अलग इस्लामी मतों के अनुसार)।
✅ नमाज़ से पहले अज़ान और इक़ामत नहीं होती।
✅ नमाज़ के बाद खुत्बा सुनना वाजिब है।
✅ नमाज़ से पहले “सदक़ा-ए-फ़ित्र” देना ज़रूरी है।
✅ घर पर नमाज़ पढ़ने का कोई विकल्प नहीं, केवल मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जाती है।
5. ईद की नमाज़ में गलतियाँ और बचाव
❌ गलत तक़बीरें पढ़ना → इमाम की सही तक़बीरों का अनुसरण करें।
❌ जल्दीबाज़ी में खुत्बा सुने बिना निकल जाना → खुत्बा सुनना ज़रूरी है।
❌ सदक़ा-ए-फ़ित्र दिए बिना नमाज़ पढ़ना → नमाज़ से पहले फ़ित्रा ज़रूर दें।
6. ईद की नमाज़ के बाद की सुन्नतें
✅ गले मिलना (मुबारकबाद देना)
✅ अच्छे कपड़े पहनना और इत्र लगाना
✅ ईद से पहले मीठा खाना (खजूर या कोई मिठाई)
✅ रास्ता बदलकर वापस आना (एक रास्ते से जाएँ, दूसरे से लौटें)
7. ईद उल-फ़ितर से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल
Q1: ईद की नमाज़ कितनी रक़ात होती है?
👉 दो रक़ात (2 Rakat)
Q2: ईद की नमाज़ घर में पढ़ सकते हैं?
👉 नहीं, इसे मस्जिद या ईदगाह में जमात के साथ ही अदा करना चाहिए।
Q3: ईद की नमाज़ में कितनी तक़बीरें होती हैं?
👉 आमतौर पर 6 तक़बीरें होती हैं, कुछ मतों में 12 तक़बीरें भी होती हैं।
Q4: ईद की नमाज़ से पहले अज़ान होती है?
👉 नहीं, इसमें अज़ान और इक़ामत नहीं होती।
निष्कर्ष
ईद उल-फ़ितर की नमाज़ इस्लाम में खुशी और अल्लाह की नेमतों का धन्यवाद करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह नमाज़ सामूहिक रूप से पढ़ी जाती है और इसमें दो रक़ात और अतिरिक्त तक़बीरें होती हैं। ईद की नमाज़ के बाद खुत्बा सुनना वाजिब है और इसे सुनने के बाद ही नमाज़ पूरी मानी जाती है।
💡 याद रखें:
- फ़ित्रा देना न भूलें।
- खुत्बा सुनकर जाएँ।
- भाईचारे और खुशी के साथ ईद मनाएँ।
🌙 ईद मुबारक! 🤲✨